भगन्दर को एनल फिस्टुला anal fistula in hindi के नाम से भी जाना जाता है, इस रोग के कारण दो अंग व दो नसों के बीच असामान्य जोड़ उत्पन्न होने से हो जाता है, वैसे इस रोग में जो दो नसों व अंग जोड़ उत्पन्न होता है, वह जोड़ प्राकृतिक रूप से किसी भी मनुष्य के शरीर में नही पाया जाता है | यह रोग गुदा क्षेत्र में फोड़े और दाग जैसे समस्या के उत्पन्न होने के उपरांत जन्म लेता है, इस रोग के कारण पीड़ित को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है | भारत सहित पूरी दुनिया में इस रोग से लगभग 12 प्रतिशत लोग ग्रस्त है इस रोग के उपचार के लिए डॉक्टर अधिकतर सर्जरी का सहारा लेते है अब आइये जानते है इस रोग के प्रकार के बारे में
विषय सूची
भगन्दर या फिस्टुला के लक्षण – Symptoms of anal fistula in hindi :
- गुदा क्षेत्र में दर्द व सुजन का होना
- मलत्याग में तेज दर्द व रक्तस्त्राव होना
- गुदा के आसपास फोड़े होना
- मलत्याग के समय खून वाली पस का निकलना
- मलत्याग के समय अत्यधिक जलन होना
- कब्ज होना |
- नियमित बुखार व अत्यधिक ठण्ड की समस्या होना |
किन कारणों से जन्म लेता है यह रोग :
कई डॉक्टरों के मुताबिक इस रोग का मुख्य कारण गुदा क्षेत्र में फोड़ा उत्पन्न होने के बाद माना जाता है | लेकिन कई डॉक्टर्स इस रोग के अन्य कारणों की भी पुष्टि करे है जैसे कि :
- पाचन तंत्र में सूजन आने के कारण
- बड़ी आंत की थैलियों की सूजन के कारण
- गुदा के आस पास सर्जरी व रेडिएशन थेरेपी करवाने की वजह से
- डायबिटीज की वजह से
- एचआईवी व टी.वी. के कारण
- मोटापे के कारण
- अधिक शराब पीने के कारण
किस जाँच के द्वारा पता लगया जाता है इस रोग का –
कोलोनोस्कोपी के द्वारा – कोलोनोस्कोपी के द्वारा पीड़ित व्यक्ति के गुदा क्षेत्र जन्म ले रही बीमारी का पता लगया जाता है इस जाँच में रोगी के गुदा में एक लंबी और लचीली ट्यूब डाली जाती है इस ट्यूब को ही कोलोनोस्कोप कहा जाता है इस ट्यूब पर लगे कैमरे के द्वारा पीड़ित के गुदा क्षेत्र में बढे मांस का सेंपल लेकर लेबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है | (और पढ़े – कोलोनोस्कोपी के बारे में )
सीटी स्कैन के द्वारा – सीटी स्कैन के द्वारा पीड़ित के आंतरिक रक्तस्राव व बढे हुए मांस की मात्रा का आकलन करके इलाज की प्रकिया को आगे बढाया जाता है | (और पढ़े – सीटी स्कैन के बारे में )
एक्स रे के द्वारा – एक्स रे के द्वारा भी रोगी के गुदा क्षेत्र में मौजूद परेशानी की जाँच करके इलाज की प्रक्रिया को आगे बढाया जाता है | (और पढ़े – एक्स रे के बारे में )
भगन्दर में की जाने सर्जरी –
फिस्टुलोटोमी सर्जरी – फिस्टुलोटोमी सर्जरी इस रोग में सबसे अधिक की जाने वाली सर्जरी है इस सर्जरी में पीड़ित के गुदा के द्वारा एक ट्यूब डालकर बढे हुए मांस को काटकर खोला जाता है अब इसमें मौजूद मांसपेशियों को काटकर निकला दिया जाता है, इस सर्जरी के बाद पीड़ित को ठीक होने में कम से कम एक हफ्ते का समय लगता है |
फिस्टुलोटोमी में आने वाला खर्चा – फिस्टुलोटोमी सर्जरी करवाने में आपको लगभग सात हजार रूपए तक खर्च करने पड़ेंगे |
लेज़र सर्जरी – इस सर्जरी में मरीज के गुदा में बढे मांस के टुकड़े को प्रकाश बीम के द्वारा काटकर निकाल दिया जाता है | इस सर्जरी को करवाने के कुछ समय के उपरांत ही पीड़ित पहले की तरह नार्मल हो जाता है
लेजर सर्जरी में आने वाला खर्चा – आपको इस सर्जरी को करवाने के लिए लगभग पंद्रह से बीस हजार रूपए तक खर्च करने पड़ सकते है
फिस्ट्युलेक्टमी सर्जरी – फिस्ट्युलेक्टमी सर्जरी में पीड़ित रोगी के भगंदर को पूर्ण रूप से काटकर शरीर से अलग कर दिया जाता है इस सर्जरी का उपयोग सबसे जटिल स्थिति में किया जाता है, इस सर्जरी को करवाने के बाद मरीज को ठीक होने में तीन से चार हफ़्तों का समय लग सकता है |
फिस्ट्युलेक्टमी सर्जरी में कितना खर्चा आता है – फिस्ट्युलेक्टमी सर्जरी को करवाने के लिए आपको तीस से चालीस हजार रूपए तक के खर्चे का सामना करना पड़ सकता है |
इस रोग से कैसे करे बचाव :
- फाइबर युक्त सब्जियों का सेवन करे – लहसुन, पत्ता गोभी, पालक, मेथी एवं रेशेदार सब्जियों में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है
- तरल पदार्थ लें – तरल पदार्थ का सेवन से आपके शरीर में कभी कब्ज व एसिडिट की समस्या कभी नही होगी |
- नियमित योगा व वयायाम करे |
- हरी सब्जियों का सेवन करे |
- शराब का सेवन बंद कर दे |
सर मुझे भगंदर हुआ है क्या कर सकता इसका कोई उपाय बताईये
Fistula kiska thik hua hai name addresses batane ka kast kare